meditation करते समय सावधानियां| ध्यान करते समय इन गलतियों से बचें| मेडिटेशन में गलतियों से बचने के टिप्स

 ध्यान Dgyan करते समय  सावधानियां होना जरूरी है।   मेडिटेशन meditation करते समय कुछ गलतियां लोग अक्सर करते हैं इनसे बचना जरूरी नहीं तो मेडिटेशन का फायदा आपको जल्दी नहीं मिलेगा। आज हम मेडिटेशन में अक्सर होने वाले गलतियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं। ध्यान यानी मेडिटेशन का सही फायदा उठाने के लिए आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं और इन गलतियों से बचने का यह तरीका है जिससे कि आप  ध्यान लगाकर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

मेडिटेशन होने वाले  गलतियों से बचने  के टिप्स

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं कि मेडिटेशन के जरिए हम अपने शरीर और मन को स्वस्थ बनाते हैं। पर अक्सर हमसे कुछ छोटी गलतियां हो जाती जिनसे मेडिटेशन  का फायदा हमें मिल नहीं पाता है, मेडिटेशन होने वाली आम गलतियों से बचने के टिप्स-

मेडिटेशन का ज्ञान  अच्छे से होना जरूरी है तभी आप इसका फायदा उठा सकते क्योंकि आधा अधूरा ज्ञान के कारण आप भ्रम की स्थिति में होंगे। मेडिटेशन सीखने के लिए आप ऑफलाइन गुरु या मेंटर से सीख सकते हैं। 

पूरी जानकारी हासिल करें 

मेडिटेशन के बारे में कम जानकारी हासिल करें इसके लिए आपको  किसी योग्य  व्यक्ति से मेडिटेशन के बारे में सीखना चाहिए। मेडिटेशन यानी ध्यान के समय कुछ गलतियां होती है जिसके बारे में आप अपनी प्रशिक्षक की सलाह ले सकते हैं। 

 समय का ध्यान रखें 

यहां समय का ध्यान रखने से मतलब है कि एक निर्धारित समय पर रोजाना आप जब ध्यान करते तो उसका फायदा आपको प्राप्त होता है। अगर आप अपनी टाइमिंग हर दिन बदलते हैं तो ध्यान यानी मेडिटेशन का फायदा इतना प्रभावशाली ढंग से आपको नहीं मिल पाता है।  क्योंकि हमारा शरीर 24 घंटे के समय के आधिर फर काम करता है इसलिए मेडिटेशन का समय होते ही आप मेडिटेशन करेंगे तो निश्चित ही यह  नियमित समय में किया गया काम  आपको  फायदा पहुंचाती है। ध्यान करने के लिए अनियमित समय गलतियों से बचना चाहिए। बेहतर परिणाम के लिए आपको निर्धारित समय का ध्यान रखना चाहिए।

 ध्यान में बैठने का सही तरीका

आपको पता होना चाहिए कि ध्यान में किस तरह से सही तरीके से बैठा जाता है। अगर आप को ध्यान में बैठने का सही तरीका नहीं मालूम है तो इस तरह की गलतियों से बचने के लिए ध्यान में सही तरीके से बैठने का तरीका प्रशिक्षित प्रशिक्षक से जरूर सीखना चाहिए। गलत तरीके से बैठने  से आपके स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है।

योग करने के बाद ध्यान

 अगर आप अनुलोम विलोम या योग करने के बाद ही मेडिटेशन के लिए बैठे इससे आपको फायदा मिलता है। मेडिटेशन करते समय भविष्य के बारे में नहीं सोचना चाहिए बल्कि वर्तमान में जीना चाहिए।

ध्यान का समय

 सुबह किसी तरह का कोलाहल यानी शोर नहीं होता है।  इस समय मन भी लगता है।  इसलिए अगर आपका मन भटकता है तो सुबह का समय ध्यान के लिए चुने। ध्यान करते समय शांत वातावरण होना जरूरी है कुछ लोग कोलाहल में ध्यान करते हैं जिस कारण से उनका मन एकाग्र नहीं हो पाता है। आप चाहे तो किसी भी वक्त ध्यान कर सकते हैं बशर्ते आपका ध्यान एकाग्र होना

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